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Cheque Bounce 2025 :से बचने के उपाय

cheque bounce 2025

Cheque Bounce 2025 में कानूनी सहायता (Legal Help in Cheque Bounce Case)चेक बाउंस नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत एक आपराधिक अपराध है। इसके अलावा, कुछ मामलों में यह भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत भी दर्ज किया जा सकता है।

चेक बाउंस होने पर कानूनी प्रक्रिया:

1. कानूनी नोटिस भेजना (Legal Notice For Cheque Bounce 2025 )

2. कोर्ट में केस दर्ज करना (Filing a Case in Court)

3. सजा और जुर्माना (Punishment & Penalty)


Cheque Bounce 2025 मामले में बचाव के उपाय (Defenses in Cheque Bounce Case)

यदि आपके खिलाफ चेक बाउंस का मामला दर्ज हुआ है, तो आप निम्नलिखित बचाव कर सकते हैं:
खराब मानसिक स्थिति या गलती साबित करना – अगर चेक गलती से बाउंस हुआ हो तो सही सबूत देकर मामला हल किया जा सकता है।
चेक का गलत इस्तेमाल साबित करना – अगर चेक किसी दबाव में साइन कराया गया हो या गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ हो, तो इसका बचाव किया जा सकता है।
खाते में पर्याप्त बैलेंस था – अगर बैंक की गलती से चेक बाउंस हुआ, तो इस आधार पर बचाव किया जा सकता है।

Cheque Bounce 2025 के नियम और CIBIL स्कोर बचाने के तरीके

1. चेक बाउंस के नियम (Cheque Bounce Rules)

चेक बाउंस होना एक गंभीर मामला है, और यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत एक अपराध माना जाता है। चेक बाउंस होने के मुख्य कारण हो सकते हैं:

चेक बाउंस पर कानूनी कार्यवाही
  1. डिफॉल्टर को नोटिस भेजना – यदि चेक बाउंस होता है, तो 30 दिनों के भीतर चेक प्राप्तकर्ता को डिफॉल्टर को कानूनी नोटिस भेजना होता है
  2. 15 दिनों का उत्तर देने का समय – डिफॉल्टर को भुगतान करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है।
  3. मामला दर्ज किया जा सकता है – यदि 15 दिन के भीतर भुगतान नहीं किया जाता, तो मामला कोर्ट में दर्ज किया जा सकता है।
  4. सजा – दोषी पाए जाने पर 2 साल तक की जेल या दोगुनी राशि का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

2. CIBIL स्कोर को कैसे बचाएं?

CIBIL स्कोर एक क्रेडिट स्कोर होता है जो बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस यह तय करने के लिए देखते हैं कि आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए योग्य हैं या नहीं।

CIBIL स्कोर बनाए रखने के तरीके

समय पर भुगतान करें – क्रेडिट कार्ड बिल, EMI और चेक पेमेंट हमेशा समय पर करें।
ओवरड्राफ्ट से बचें – अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस रखें ताकि चेक बाउंस न हो।
क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन कम रखें – अपने क्रेडिट लिमिट का 30% से अधिक उपयोग न करें।
एक से अधिक चेक बाउंस से बचें – बार-बार चेक बाउंस होने से बैंक आपको “हाई रिस्क” कैटेगरी में डाल सकता है।
क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें – समय-समय पर अपनी CIBIL रिपोर्ट चेक करें और किसी भी गलती को ठीक करवाएं।

 

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