Russia-Ukraine war and the real faces of the world’s big powers: रुस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया की बड़ी शक्तियों के असली चेहरे

Russia-Ukraine war and the real faces of the world’s big powers :रुस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया की बड़ी शक्तियों के असली चेहरे, एक गहरा विश्लेषण आजकल रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस युद्ध के बीच कई सवाल उठ रहे हैं और कई सच्चाइयां सामने आ रही हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें, जैसे रूस, अमेरिका और चीन, जो इतने दावे करते हैं, असल में कितनी ताकतवर हैं?

दुनिया की बड़ी शक्तियों का असली चेहरा

  • खोखले दावे: ये देश हमेशा अपनी ताकत का रौब दिखाते रहते हैं, लेकिन असल में ये दावे खोखले साबित हुए हैं। अमेरिका को वियतनाम और अफगानिस्तान से बुरी तरह हारकर भागना पड़ा। चीन को भी कई देशों से हार का सामना करना पड़ा। रूस भी अफगानिस्तान से बुरी तरह मारा गया और खुद उसके 15 टुकड़े हो गए।
  • हथियारों का व्यापार: इन देशों का असली मकसद इन युद्धों से हथियारों का व्यापार करना है। ये अपने पुराने और कबाड़ हो चुके हथियारों को मनमाने दाम पर बेचकर मालामाल हो जाते हैं। इससे इनकी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को भी बल मिलता है।
  • नए हथियारों का परीक्षण: इन युद्धों का एक और फायदा ये है कि ये देश नए-नए जैव रासायनिक, परमाणु और परंपरागत हथियारों का परीक्षण कर सकते हैं। ये हथियार भविष्य में इनके लिए एक बड़ा हथियार बन सकते हैं।
Source BBC

इजराइल का आयरन डोम और हमास का जवाब

इजराइल के आयरन डोम को लेकर भी बहुत शोर मचाया गया था। लेकिन हमास और हिजबुल्ला ने इस आयरन डोम के चमत्कार को हवा में उड़ा दिया। इससे साबित होता है कि कोई भी हथियार अचूक नहीं होता।

56 मुस्लिम देशों का एकजुट होना

दुनिया ने यह भी नहीं समझा कि इजराइल के खिलाफ केवल हमास और हुती ही नहीं, बल्कि 56 मुस्लिम देश एक साथ लड़ रहे हैं। ये एक बहुत बड़ी ताकत है।

The New york Times

रूस, अमेरिका और चीन का खेल

सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि इन सबको लड़ाने वाले रूस, अमेरिका और चीन ही हैं। ये देश अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इन देशों को आपस में लड़ा रहे हैं।

निष्कर्ष

रूस-यूक्रेन युद्ध ने हमें दुनिया की बड़ी शक्तियों का असली चेहरा दिखाया है। ये देश सिर्फ अपनी शक्ति दिखाने और हथियारों का व्यापार करने में लगे हुए हैं। इन देशों की नीतियों से पूरी दुनिया को खतरा है।

 

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