RIP Ratan Tata Sir : रतन टाटा का निधन देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह चेकअप के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे, लेकिन इससे पहले उन्होंने अपनी सेहत को लेकर बयान दिया था कि उनकी हालत ठीक है और किसी चिंता की बात नहीं है।
रतन टाटा का परिचय किसी से छिपा नहीं है। वे उद्योगपति, उद्यमी और टाटा संस के मानद चेयरमैन थे, जिन्हें उनके अच्छे कामों के लिए जाना जाता है। इस 86 वर्षीय व्यवसायी के जीवन की कई रोचक कहानियां हैं, जिनके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते।
बचपन और पारिवारिक जीवन
1948 में, जब रतन टाटा सिर्फ दस साल के थे, उनके माता-पिता अलग हो गए। उनका पालन-पोषण उनकी दादी, नवाजबाई टाटा ने किया। दिलचस्प बात यह है कि रतन टाटा अविवाहित हैं, और चार बार शादी के करीब पहुंचने के बावजूद वे कभी शादी नहीं कर पाए।
पिता के साथ मतभेद
रतन टाटा ने एक बार ‘ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे’ को दिए इंटरव्यू में अपने पिता नवल टाटा के साथ के मतभेदों का जिक्र किया। बचपन में उन्होंने वायलिन सीखने की इच्छा जताई, जबकि उनके पिता चाहते थे कि वह पियानो सीखें। इसी तरह, रतन टाटा ने अमेरिका में पढ़ाई करने का सपना देखा, जबकि उनके पिता उन्हें ब्रिटेन भेजना चाहते थे।
प्यार और शादी
रतन टाटा ने स्वीकार किया कि जब वे लॉस एंजेलिस में थे, तब एक लड़की से प्यार हुआ था। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण, उस लड़की के माता-पिता ने उसे भारत भेजने से मना कर दिया। इसके बाद, उन्होंने कभी शादी नहीं की और अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया।
नेतृत्व में बदलाव
1991 में रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला। इससे पहले जेआरडी टाटा कंपनी के चेयरमैन थे, जिन्होंने अपनी टीम के तीन सदस्यों को पूरी कमान सौंपी हुई थी। रतन टाटा ने सबसे पहले इन तीनों को हटाकर कंपनी के नेतृत्व में बदलाव किया। उन्होंने एक रिटायरमेंट पॉलिसी लागू की, जिसके तहत 75 की उम्र के बाद किसी भी डायरेक्टर को कंपनी से हटा दिया जाएगा।
टाटा नैनो और चैरिटी
रतन टाटा ने 2009 में एक सस्ती कार बनाने का वादा किया, जिसे मिडिल क्लास लोग खरीद सकें। उन्होंने अपने वादे को पूरा किया और टाटा नैनो को ₹1 लाख में लॉन्च किया। इसके अलावा, वे चैरिटी के लिए भी जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने भारत के ग्रेजुएट छात्रों को वित्तीय सहायता देने के लिए कॉर्नेल विश्वविद्यालय में $28 मिलियन का टाटा स्कॉलरशिप फंड शुरू किया।
रतन टाटा की विरासत और उनके द्वारा किए गए काम हमेशा याद रखे जाएंगे।