भारतीय रेलवे में PRS (Passenger Reservation System) टिकट सिस्टम एक कंप्यूटरीकृत प्रणाली है जिसका उपयोग यात्रियों के आरक्षण और टिकट बुकिंग के लिए किया जाता है। यह प्रणाली पूरे देश में रेलवे टिकटों की बुकिंग, कैंसलेशन और सीटों की उपलब्धता की जानकारी प्रदान करती है।
PRS टिकट प्रणाली के मुख्य बिंदु:
- कंप्यूटरीकृत आरक्षण – PRS प्रणाली के तहत टिकट बुकिंग पूरी तरह से कंप्यूटर के माध्यम से होती है, जिससे गलतियों की संभावना कम हो जाती है।
- ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा – यात्री टिकट IRCTC वेबसाइट, मोबाइल ऐप, रेलवे स्टेशन के आरक्षण केंद्र, और अधिकृत एजेंटों के माध्यम से बुक कर सकते हैं।
- PNR (Passenger Name Record) नंबर – हर आरक्षित टिकट को एक यूनिक PNR नंबर दिया जाता है, जिससे यात्रा की स्थिति (कन्फर्म, वेटिंग लिस्ट, RAC) ट्रैक की जा सकती है।
- चार प्रमुख PRS केंद्र – भारत में PRS प्रणाली को चार मुख्य केंद्रों से संचालित किया जाता है:
- नई दिल्ली (उत्तर क्षेत्र)
- मुंबई (पश्चिमी क्षेत्र)
- कोलकाता (पूर्वी क्षेत्र)
- चेन्नई (दक्षिणी क्षेत्र)
- E-Ticket और i-Ticket –
- E-Ticket: ऑनलाइन बुक किया गया टिकट जिसे डिजिटल रूप में दिखाया जा सकता है।
- i-Ticket: ऑनलाइन बुक किया गया टिकट जो डाक द्वारा यात्री के पते पर भेजा जाता है।
PRS टिकट कैसे बुक करें?
- ऑनलाइन तरीका (IRCTC वेबसाइट/ऐप पर):
- IRCTC अकाउंट बनाएं और लॉगिन करें।
- यात्रा की तारीख, ट्रेन और क्लास चुनें।
- यात्री की जानकारी भरें और भुगतान करें।
- टिकट बुक होने के बाद PNR नंबर प्राप्त करें।
- ऑफलाइन तरीका (रेलवे स्टेशन से):
- PRS आरक्षण काउंटर पर जाएं।
- फॉर्म भरकर अपनी यात्रा की जानकारी दें।
- भुगतान करने के बाद टिकट प्राप्त करें।
PRS टिकट से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- टिकट को ऑनलाइन या काउंटर से कैंसिल किया जा सकता है।
- तत्काल टिकट भी PRS प्रणाली के माध्यम से बुक किया जा सकता है।
- चार्ट तैयार होने के बाद वेटिंग लिस्ट टिकट स्वतः कैंसिल हो जाता है।
यह प्रणाली यात्रियों को आसानी से टिकट बुक करने और यात्रा से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने में मदद करती है। 🚆