Gold Price Today:आज सोने का भाव, मूल्य वृद्धि के कारक : भारत में सोने की कीमतें विभिन्न राज्यों और शहरों में स्थानीय कर, परिवहन लागत, और मांग जैसे कारकों के कारण भिन्न हो सकती हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें समान रहती हैं, लेकिन स्थानीय कारक कीमतों में मामूली अंतर ला सकते हैं।
13 फरवरी 2025 को प्रमुख भारतीय शहरों में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की प्रति ग्राम कीमतें इस प्रकार हैं:
शहर | 22 कैरेट (₹/ग्राम) | 24 कैरेट (₹/ग्राम) |
---|---|---|
चेन्नई | ₹8,010 | ₹8,738 |
मुंबई | ₹8,010 | ₹8,738 |
दिल्ली | ₹8,025 | ₹8,753 |
कोलकाता | ₹8,010 | ₹8,738 |
बेंगलुरु | ₹8,010 | ₹8,738 |
हैदराबाद | ₹8,010 | ₹8,738 |
केरल | ₹8,010 | ₹8,738 |
पुणे | ₹8,010 | ₹8,738 |
वडोदरा | ₹8,015 | ₹8,743 |
अहमदाबाद | ₹8,015 | ₹8,743 |

कृपया ध्यान दें कि ये कीमतें सांकेतिक हैं और इनमें जीएसटी, टीसीएस और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं। सटीक और नवीनतम दरों के लिए अपने स्थानीय जौहरी से संपर्क करें।
स्थानीय कर, परिवहन लागत, और मांग जैसे कारक विभिन्न राज्यों में सोने की कीमतों में अंतर का कारण बनते हैं। उदाहरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां जनसंख्या कम होती है, सोने की कीमतें अधिक हो सकती हैं, जबकि बड़े शहरों में, जहां मांग अधिक होती है, कीमतें अपेक्षाकृत कम हो सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में बदलाव, मुद्रा विनिमय दर, और आयात शुल्क जैसे कारक भी भारत में सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं। चूंकि भारत में अधिकांश सोना आयात किया जाता है, इसलिए वैश्विक घटनाक्रम और नीतियां स्थानीय कीमतों पर प्रभाव डालती हैं।

सोने की कीमतों में बदलाव कई कारकों पर निर्भर करता है। यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
1. मुद्रास्फीति (Inflation Gold Price Today )
- जब महंगाई बढ़ती है, तो निवेशक अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ जाती है।
- महंगाई के समय मुद्रा का मूल्य घटता है, लेकिन सोना अपनी कीमत बनाए रखता है।
2. डॉलर की मजबूती और विनिमय दर (USD Exchange Rate)
- भारतीय रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मजबूती या कमजोरी सीधे सोने की कीमतों को प्रभावित करती है।
- जब रुपये की कीमत गिरती है, तो आयात महंगा हो जाता है, जिससे सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।
3. ब्याज दरें (Interest Rates)
- जब केंद्रीय बैंक (जैसे RBI) ब्याज दरें बढ़ाता है, तो लोग बैंक में पैसा जमा करने को प्राथमिकता देते हैं और सोने की मांग कम हो जाती है।
- कम ब्याज दरों पर सोने की मांग बढ़ती है, जिससे इसकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
4. आपूर्ति और मांग (Supply and Demand)
- भारत जैसे देशों में शादी और त्योहारों के सीजन में सोने की मांग अधिक होती है, जिससे कीमतें बढ़ती हैं।
- सोने की खदानों से उत्पादन कम होने पर भी इसकी आपूर्ति घट जाती है और कीमतें बढ़ जाती हैं।
5. भूराजनीतिक अनिश्चितता (Geopolitical Uncertainty)
- युद्ध, वैश्विक संकट, महामारी, और राजनीतिक अस्थिरता के दौरान सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिससे इसकी कीमतें बढ़ती हैं।
- जैसे, रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड-19 महामारी के दौरान सोने की कीमतें तेजी से बढ़ीं।
6. केंद्रीय बैंकों की नीतियां (Central Bank Policies)
- कई देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने को रखते हैं। अगर केंद्रीय बैंक अधिक सोना खरीदते हैं, तो इसकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
7. क्रूड ऑयल की कीमतें (Crude Oil Prices)
- कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई बढ़ती है, जिससे सोने की मांग भी बढ़ती है।
8. शेयर बाजार और निवेश प्रवृत्ति (Stock Market & Investment Trends)
- जब शेयर बाजार अस्थिर होता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं।
- जब शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है, तो सोने की मांग घट जाती है, जिससे कीमतें गिरती हैं।
9. सरकारी नीतियां और आयात शुल्क (Government Policies & Import Duty)
- भारत सरकार सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी और अन्य कर लगाती है।
- यदि सरकार आयात शुल्क बढ़ाती है, तो सोने की कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
सोने की कीमतें कई आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक कारकों पर निर्भर करती हैं। यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो इन सभी कारकों पर नज़र रखना जरूरी है। निवेश या खरीदारी से पहले, अपने स्थानीय जौहरी या आधिकारिक स्रोतों से नवीनतम सोने की कीमतों की पुष्टि करना महत्वपूर्ण है।