सीनियर सिटीजन्स पर टैक्स की मार, वित्तमंत्री का एक और प्रहार : Tax hit on senior citizens, another attack from Finance Minister

सीनियर सिटीजन्स पर टैक्स की मार, वित्तमंत्री का एक और प्रहार : Tax hit on senior citizens, another attack from Finance Minister : वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पेंशन एक महत्वपूर्ण स्रोत है। हालांकि, पेंशन पर टैक्स लगने से सीनियर सिटीजन्स की आय प्रभावित हो सकती है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि कितनी पेंशन पर टैक्स लगेगा और क्या-क्या टैक्स छूट उपलब्ध हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने पेंशनर्स और सीनियर सिटीजन्स के लिए कुछ नए टैक्स नियम लागू किए हैं।

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इस लेख में हम पेंशनर्स और सीनियर सिटीजन्स के लिए नई टैक्स गाइडलाइन्स के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। हम यह भी समझेंगे कि किस आयु वर्ग के लिए कौन से टैक्स स्लैब लागू होते हैं और कितनी पेंशन पर टैक्स देना पड़ेगा। साथ ही, हम उन विभिन्न छूट और कटौतियों के बारे में भी बताएंगे जो सीनियर सिटीजन्स के लिए उपलब्ध हैं।

पेंशनर्स और सीनियर सिटीजन्स के लिए टैक्स नियम

पेंशनर्स और सीनियर सिटीजन्स के लिए टैक्स नियमों में कुछ विशेष प्रावधान हैं। आइए इन नियमों का एक सिंहावलोकन देखें:

विवरण जानकारी
बुनियादी छूट सीमा (60-80 वर्ष) ₹3,00,000
बुनियादी छूट सीमा (80 वर्ष से अधिक) ₹5,00,000
स्टैंडर्ड डिडक्शन (पेंशन) ₹50,000
धारा 80TTB के तहत ब्याज आय पर छूट ₹50,000 तक
धारा 87A के तहत टैक्स रिबेट ₹7,00,000 तक की आय पर ₹25,000
फैमिली पेंशन पर स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000
NPS में नियोक्ता का योगदान 14% तक कटौती योग्य

सीनियर सिटीजन्स के लिए Income Tax Slabs

सीनियर सिटीजन्स के लिए इनकम टैक्स स्लैब उनकी आयु के अनुसार अलग-अलग हैं। आइए देखें कि विभिन्न आयु वर्गों के लिए क्या टैक्स स्लैब लागू होते हैं:

60 से 80 वर्ष की आयु के लिए टैक्स स्लैब (पुराना टैक्स रेजीम)

  • ₹3,00,000 तक: कोई टैक्स नहीं
  • ₹3,00,001 से ₹5,00,000: 5%
  • ₹5,00,001 से ₹10,00,000: 20%
  • ₹10,00,000 से अधिक: 30%

80 वर्ष से अधिक आयु के लिए टैक्स स्लैब (पुराना टैक्स रेजीम)

  • ₹5,00,000 तक: कोई टैक्स नहीं
  • ₹5,00,001 से ₹10,00,000: 20%
  • ₹10,00,000 से अधिक: 30%

नए टैक्स रेजीम के तहत टैक्स स्लैब (सभी आयु वर्गों के लिए)

  • ₹3,00,000 तक: कोई टैक्स नहीं
  • ₹3,00,001 से ₹6,00,000: 5%
  • ₹6,00,001 से ₹9,00,000: 10%
  • ₹9,00,001 से ₹12,00,000: 15%
  • ₹12,00,001 से ₹15,00,000: 20%
  • ₹15,00,000 से अधिक: 30%

पेंशन पर टैक्स की गणना

पेंशन पर टैक्स की गणना करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. स्टैंडर्ड डिडक्शन: पेंशन पर ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है।
  2. फैमिली पेंशन: फैमिली पेंशन पर अब ₹25,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
  3. टैक्स स्लैब: उपरोक्त टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स की गणना की जाएगी।
  4. टैक्स रिबेट: धारा 87A के तहत ₹7,00,000 तक की आय पर ₹25,000 का टैक्स रिबेट मिलता है।
  5. अन्य आय: पेंशन के अलावा अन्य स्रोतों से प्राप्त आय को भी कुल आय में जोड़ा जाएगा।

सीनियर सिटीजन्स के लिए टैक्स छूट और कटौतियां

सीनियर सिटीजन्स के लिए कई विशेष टैक्स छूट और कटौतियां उपलब्ध हैं:

  1. धारा 80TTB: बैंक जमा, फिक्स्ड डिपॉजिट और पोस्ट ऑफिस जमा पर मिलने वाले ब्याज पर ₹50,000 तक की छूट।
  2. धारा 80D: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर ₹50,000 तक की कटौती।
  3. धारा 80DDB: गंभीर बीमारियों के इलाज पर ₹1,00,000 तक की कटौती।
  4. धारा 80C: PPF, ELSS, जीवन बीमा प्रीमियम आदि पर ₹1,50,000 तक की कटौती।
  5. NPS: अतिरिक्त ₹50,000 की कटौती धारा 80CCD(1B) के तहत।

Senior Citizen Savings Scheme (SCSS) पर टैक्स

SCSS एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है जो सीनियर सिटीजन्स को उच्च ब्याज दर प्रदान करता है। SCSS पर टैक्स के नियम इस प्रकार हैं:

  1. SCSS में निवेश की गई राशि पर धारा 80C के तहत ₹1,50,000 तक की कटौती मिलती है।
  2. SCSS से प्राप्त ब्याज आय पर टैक्स लगता है। हालांकि, धारा 80TTB के तहत ₹50,000 तक की छूट मिलती है।
  3. TDS: यदि एक वित्तीय वर्ष में SCSS से प्राप्त ब्याज ₹50,000 से अधिक है, तो 10% TDS काटा जाएगा।

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75 वर्ष से अधिक आयु के सीनियर सिटीजन्स के लिए विशेष प्रावधान

75 वर्ष या उससे अधिक आयु के सीनियर सिटीजन्स के लिए कुछ विशेष प्रावधान हैं:

  1. ITR फाइलिंग से छूट: यदि उनकी आय केवल पेंशन और उसी बैंक से प्राप्त ब्याज से है जहां पेंशन जमा होती है।
  2. शर्तें:
    • व्यक्ति की आयु 75 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
    • व्यक्ति पिछले वित्तीय वर्ष में ‘रेजिडेंट’ होना चाहिए।
    • आय का स्रोत केवल पेंशन और ब्याज होना चाहिए।
    • ब्याज आय उसी बैंक से होनी चाहिए जहां पेंशन जमा होती है।
  3. बैंक की जिम्मेदारी: बैंक आवश्यक TDS काटेगा और ITR फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी।

नया टैक्स रेजीम बनाम पुराना टैक्स रेजीम

सीनियर सिटीजन्स के लिए नए और पुराने टैक्स रेजीम में चुनाव करना महत्वपूर्ण है:

नया टैक्स रेजीम:

  • कम टैक्स दरें
  • कम जटिल
  • कई छूट और कटौतियां उपलब्ध नहीं

पुराना टैक्स रेजीम:

  • अधिक छूट और कटौतियां उपलब्ध
  • सीनियर सिटीजन्स के लिए उच्च बुनियादी छूट सीमा
  • अधिक जटिल लेकिन कुछ मामलों में फायदेमंद

टैक्स बचत के लिए टिप्स

सीनियर सिटीजन्स अपने टैक्स को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  1. टैक्स-सेविंग निवेश: PPF, ELSS, टैक्स-सेविंग FD आदि में निवेश करें।
  2. स्वास्थ्य बीमा: अच्छी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लें जो टैक्स बचत भी प्रदान करे।
  3. दान: मान्यता प्राप्त संस्थाओं को दान करके टैक्स में छूट पाएं।
  4. NPS: अतिरिक्त टैक्स लाभ के लिए NPS में निवेश करें।
  5. SCSS और PMVVY: इन योजनाओं में निवेश करके उच्च ब्याज दर और टैक्स लाभ पाएं।
  6. टैक्स रेजीम का चुनाव: अपनी आय और निवेश के आधार पर सही टैक्स रेजीम चुनें।

ITR फाइलिंग के लिए आवश्यक दस्तावेज

सीनियर सिटीजन्स को ITR फाइल करते समय निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने चाहिए:

  1. Form 16 (यदि पेंशन प्राप्त कर रहे हैं)
  2. बैंक स्टेटमेंट
  3. निवेश प्रमाणपत्र (PPF, FD, SCSS आदि)
  4. स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम रसीद
  5. दान की रसीदें
  6. PAN कार्ड
  7. आधार कार्ड

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। टैक्स नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों या टैक्स विशेषज्ञों से परामर्श लेना उचित रहेगा। व्यक्तिगत वित्तीय निर्णय लेने से पहले हमेशा किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

 

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