Auspicious time of Karva Chauth : करवा चौथ का शुभ मुहूर्त करवा चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इस व्रत को रखने वाली महिलाएं पूरे दिन उपवास करती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार के दिन रखा जाएगा | करवा चौथ का व्रत विवाह के 16 या 17 सालों तक करना अनिवार्य माना जाता है |
- पति की लंबी उम्र:सबसे प्रमुख मान्यता यह है कि करवा चौथ का व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है और उन्हें किसी भी तरह का संकट नहीं आता।
- पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती:यह व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से दोनों के बीच का बंधन और मजबूत होता है।
- सौभाग्य की प्राप्ति:कई महिलाएं इस व्रत को रखकर सौभाग्य की प्राप्ति की कामना करती हैं।
- पौराणिक कथाएं:करवा चौथ से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से कुछ में इस व्रत को रखने वाली महिलाओं को देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
करवा चौथ के दौरान क्या किया जाता है?
- व्रत:विवाहित महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा उदय होने तक उपवास करती हैं।
- पूजा:शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है और पूजा की जाती है।
- मेहंदी:महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं।
- सोलह श्रृंगार:महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं।
- कथाएं:करवा चौथ की कथाएं सुनी जाती हैं।
- करवा:एक विशेष प्रकार का मिट्टी का बर्तन, जिसे करवा कहते हैं, में अनाज और मिठाई भरकर पूजा की जाती है।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त रविवार को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और 21 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगा.करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. इस समय पूजा करना बहुत ही शुभ रहेगा |