Astronomical phenomena: अमेरिकी वैज्ञानिकों ने हाल ही में चेतावनी जारी की है कि जल्द ही पृथ्वी पर एक बड़ा सौर तूफान आ सकता है, जो इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। यह जानकारी भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने एनडीटीवी को दी। उन्होंने बताया कि सौर तूफान वास्तव में सूर्य से प्रक्षिप्त कणों, ऊर्जा, चुंबकीय क्षेत्र और सामग्री के अचानक विस्फोट का परिणाम है।
नासा और इसरो ने दी चेतावनी
डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा कि यह सौर तूफान पृथ्वी की दिशा में बढ़ रहा है और इससे दूरसंचार और उपग्रहों को नुकसान हो सकता है। भारतीय वैज्ञानिक इसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के विशेषज्ञों ने उपग्रह ऑपरेटरों को आवश्यक सावधानियों के बारे में सूचित किया है। अगले कुछ दिन पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि यह तूफान हमारी दिशा में आ रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में हुई एक सौर ज्वाला की शक्ति मई में आई ज्वाला के समान है।
डॉ. सुब्रमण्यम ने कही बड़ी बात
डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा, “हम मैग्नेटोस्फीयर की निगरानी करेंगे, लेकिन हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि क्या कुछ हो रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि भविष्यवाणियाँ इस बात पर निर्भर करती हैं कि तूफान कितना प्रभावी होगा।
कैसे काम करता है पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र
पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इस मामले में महत्वपूर्ण है। मई में आए एक सौर तूफान ने उत्तरी गोलार्ध में शानदार अरोरा का दृश्य प्रस्तुत किया था। जब सौर तूफान पृथ्वी की ओर आता है, तो यह हमारे चुंबकीय क्षेत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकता है, जिसे भू-चुंबकीय तूफान कहा जाता है। इससे रेडियो संचार में बाधा, बिजली कटौती, और अरोरा जैसी सुंदर घटनाएँ हो सकती हैं। हालांकि, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र और वातावरण हमें गंभीर प्रभावों से बचाते हैं।
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